आयकर कानून के अनुसार प्रति वर्ष आपको उस वर्ष से सम्बंधित आय की जानकारी विभाग को देनी होती है | ये जानकारी विभाग द्वारा निर्धारित फॉर्म मे प्रस्तुत करी जाती है | अगर आप अपनी विवरणी समय पर प्रस्तुत नहीं कर पाते है और अगर इसकी समय सीमा समाप्त हो जाती है तो बकाया कर पर’ ब्याज के साथ साथ इसपर आपको पेनाल्टी भी पटानी पड़ सकती है |
इसकी समय सीमा कुछ इस प्रकार है :-
अगर आप इस समय सीमा के अन्दर अपनी विवरणी प्रस्तुत नहीं कर पते है तब भी आप अपनी विवरणी साल खत्म के बाद के 31st March तक जमा करा सकते है. हालाकिं तब ये belated विवरणी के रूप मे प्रस्तुत होगा | अगर बिलेटेड विवरणी प्रस्तुत होती है और उसमे अगर कोई भूल चुक या त्रुटी हो तो फिर उसे सुधरने का कोई मौका नहीं दिया जाता | यदि वो विवरणी समय सीमा के अन्दर भरी जाती होती तो फिर उसे बाद मे सुधारा जा सकता है | बहुत बार कुछ चीज़े छुट जाती है जिन्हें बाद मे सुधरने का अवसर मिले तो हम नुक्सान से बच सकते है |
इसके बाद भी अगर आप 31st March तक अपनी विवरणी जमा नहीं कराते हैं तब भी विभाग आपको एक साल या फिर अधिकारी द्वारा कर निर्धारण, जो पहले हो जाये तब तक का समय देता है| हलाकि ऐसा करने पर विभाग आपके ऊपर 5000/- तक का अतिरिक्त पेनाल्टी भी लगा सकता है |
ध्यान देवे :-
पिछेले और इस बजट मे इन नियमो मे कुछ बदलाव हुए हैं | उस अनुसार विवरणी प्रस्तुत करने’ की अंतिम तिथि जो की पेनाल्टी के साथ हो वो कुछ इस प्रकार हैं .
*31st March 2018 FY 2016-2017 :- ये समय सीमा दो साल से घटाकर अब सिर्फ एक साल कर दी गयी है. अभी जो वर्ष चल रहा है यानि FY 2016-2017 उसकी विवरणी आप अधिकतम 31st March 2018 तक ही भर पाएंगे ना की 31st March 2019|
सभी बातों का ध्यान रखते हुए यह सुझाव है की वर्ष खत्म होते ही 31st July तक अपनी विवरणी प्रस्तुत करें और चैन की नींद सोए | इससे आप कर पर लगने वाले ब्याज और पेनाल्टी दोनों से बच पाएंगे और साथ ही साथ आपको आपका रिफंड भी आपको जल्दी प्राप्त होगा |
धन्यवाद |
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